इयोसिनोफीलिया

इयोसिनोफीलिया (Eosinophilia) एक ऐसी स्थिति है जिसमें खून में इयोसिनोफिल्स (Eosinophils) नामक सफेद रक्त कोशिकाओं की मात्रा सामान्य से अधिक हो जाती है। ये कोशिकाएं हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का हिस्सा होती हैं और मुख्य रूप से परजीवी संक्रमण तथा एलर्जी से लड़ने में सहायक होती हैं।

जब इयोसिनोफिल्स की मात्रा 500/माइक्रोलिटर से अधिक हो जाती है, तो इसे इयोसिनोफीलिया कहा जाता है। यह कोई बीमारी नहीं बल्कि शरीर में किसी गड़बड़ी का संकेत हो सकता है।


इयोसिनोफिल्स क्या करते हैं?

इयोसिनोफिल्स शरीर में निम्न कार्यों में सहायक होते हैं:

  • परजीवी संक्रमण से लड़ना
  • एलर्जी और अस्थमा जैसी प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करना
  • सूजन और प्रतिरक्षा प्रणाली को संतुलित करना

लेकिन जब इनकी मात्रा अत्यधिक बढ़ जाती है, तो ये शरीर के विभिन्न अंगों (जैसे फेफड़े, त्वचा और आंतें) में सूजन या क्षति का कारण बन सकते हैं।


इयोसिनोफीलिया के मुख्य कारण

इयोसिनोफीलिया हल्की, मध्यम या गंभीर हो सकती है, और इसके कई संभावित कारण हो सकते हैं:

🔹 1. एलर्जिक समस्याएं

  • अस्थमा (Asthma)
  • हे फीवर (Hay fever)
  • त्वचा एलर्जी या एक्जिमा
  • दवा से एलर्जी

🔹 2. परजीवी संक्रमण

  • कृमि रोग जैसे राउंडवॉर्म, हुकवॉर्म, टेपवॉर्म

🔹 3. ऑटोइम्यून बीमारियां

  • गठिया (Rheumatoid Arthritis)
  • अल्सरेटिव कोलाइटिस या क्रोहन डिज़ीज
  • रक्त वाहिकाओं की सूजन (Vasculitis)

🔹 4. कैंसर

  • ल्यूकेमिया या लिम्फोमा जैसे रक्त कैंसर

🔹 5. त्वचा रोग

  • पेम्फिगस (Pemphigus)
  • डर्मेटाइटिस हर्पेटिफॉर्मिस

इयोसिनोफीलिया के लक्षण

हल्के मामलों में कोई लक्षण नहीं होते, लेकिन अधिक इयोसिनोफिल्स होने पर निम्न लक्षण दिख सकते हैं:

  • लगातार खांसी
  • सांस लेने में तकलीफ
  • त्वचा पर चकत्ते या खुजली
  • पेट दर्द या गैस
  • थकान और बुखार
  • लिम्फ नोड्स में सूजन

इयोसिनोफीलिया की प्रमुख होम्योपैथिक दवाएं

हर रोगी के लक्षणों के अनुसार दवाओं का चुनाव किया जाता है। नीचे कुछ प्रसिद्ध होम्योपैथिक दवाएं दी गई हैं:


1. Arsenicum Album

  • अस्थमा और सांस की एलर्जी के लिए
  • बेचैनी, जलन और घबराहट
  • बार-बार खांसी और सांस लेने में परेशानी

2. Natrum Muraticum

  • क्रॉनिक सर्दी, छींक और सिरदर्द
  • भावनात्मक रूप से संवेदनशील लोग
  • नाक में बार-बार जुकाम या एलर्जी

3. Sulphur

  • खुजली, जलन वाली स्किन रैश के लिए
  • गर्मी में तकलीफ और पैरों में गर्मी
  • पुराने चर्म रोगों में असरदार

4. Calcarea Carb

  • बच्चों में बार-बार संक्रमण और खांसी
  • ज्यादा पसीना, खासकर सिर पर
  • पाचन की कमजोरी और थकान

5. Lycopodium

  • पेट फूलना, गैस और सांस में दिक्कत
  • मीठा खाने की इच्छा
  • शाम को लक्षण ज्यादा खराब

6. Tuberculinum Bovinum

  • बार-बार संक्रमण और कमजोर इम्युनिटी
  • ट्यूबरकुलोसिस के पारिवारिक इतिहास वाले रोगियों के लिए
  • पुरानी और जटिल इयोसिनोफीलिया में उपयोगी

7. Ipecacuanha

  • मतली, उल्टी और बिना राहत वाली खांसी
  • सांस की गंभीर समस्या और सांस घुटने जैसा अनुभव

घरेलू उपाय और जीवनशैली में बदलाव

✅ एलर्जन से बचाव

  • धूल, पराग, पालतू जानवर और धुएं से दूर रहें
  • कमरे को साफ और हवादार रखें

✅ संतुलित आहार

  • ताजे फल, सब्जियां और पानी भरपूर लें
  • तला-भुना और डिब्बाबंद खाना कम करें

✅ तनाव प्रबंधन

  • योग, ध्यान और प्राणायाम करें
  • नींद पूरी लें और दिनचर्या नियमित रखें

✅ डिवॉर्मिंग

  • यदि परजीवी कारण हो, तो समय पर कृमि नाशक लें
  • व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें

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